लोक प्रशासन से आप क्या समझते है?
what do you mean by Public Administration?
लोक प्रशासन को समझने से पहले हम प्रशासन को समझेगे :- ‘प्रशासन’ मूल रूप में संस्कृत का शब्द है । यह ‘प्र’ उपसर्ग-पूर्व ‘शास्’ धातु से बना है जिसका अर्थ उत्कृष्ट रीती से कार्य करना है । किंतु इसका वास्तविक अर्थ निर्देश देना, आदेश देना है । वैदिक काल में प्रशासन का प्रयोग इसी अर्थ में होता था । प्रशासन शब्द अंग्रेजी शब्द ‘Adminstration’ का हिंदी रूपांतरण है । ‘Adminstration’ शब्द लैटिन भाषा में AD + MINISTRERE शब्दों के संयोग से बना है । फ्रेंच में यह शब्द Adminster तथा पुरानी अंग्रेजी में Administern रहा है , जिसका अर्थ है ‘लोगों की देखभाल करना’ या ‘कार्यों की देखभाल करना’ है जैसे – पादरी द्वारा किसी व्यक्ति को धार्मिक लाभ पहुँचाने के लिए धार्मिक संस्कार करना, न्यायाधीश द्वारा न्याय करना आदि ।
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सर्वजनिक कार्यों के सम्पादन से संबंधित प्रशासन को लोक प्रशासन कहा जाता है । इस का सामान्य अर्थ जनहित के उद्देश्यों से संचालित गतिविधियाँ हैं । परम्परिक रूप में यह गतिविधियाँ सरकारी गतिविधियाँ तक ही सीमित थी और तदनुरूप लोक प्रशासन का अर्थ भी मात्र सरकारी प्रशासन से लिया जाता था ।
प्रशासन शब्द के अंतर्गत निजी एवं सरकारी गतिविधियों का प्रबन्धन सम्मिलित है । प्रशासन एक सुनिश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनुष्य द्वारा परस्पर सहयोग का नाम है । मानव सभ्यता की बुनियाद इस सहयोग पर आधारित है । सहयोग के अभाव में मानव सभ्यता की कल्पना करना असंभव है । अतः प्रशासन का तत्व हमारी सभ्यता में आरंभ से ही मौजूद था ।
यह एक व्यापक प्रक्रिया है जो सभी सामूहिक कार्यों के विषय में चाहे सार्वजनिक हो या व्यक्तिगत, नागरिक हो या सैनिक, बड़े कार्य हो या छोटे, सभी के संबंध में लागू होता हैं । यह एक सहयोगी कार्य है, जो सुनिश्चित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है । किसी उद्देश्य के लिए किए जाने वाले सभी प्रकार के प्रयत्नों की तुलना में प्रशासन आधुनिक युग की ही विशेषता नहीं है , अपितु इसकी झलक सभ्यता के विकास के आरंभ में ही भली-भाँति दिखाई देने लगी थी । आदिम काल में गृहस्वामी तक के लिए यह महत्व का विषय थी । मिस्र देश के पिरामिडो का निर्माण आश्चर्यजनक प्रशासनिक सफलता थी और यही बात रोम साम्राज्य की व्यवस्था के बारे में कही जा सकती है । प्रशासन उद्देश्य प्राप्ति के लिए स्थापित संगठन एवं मनुष्य तथा वस्तुओं का प्रयोग है । यह उन प्रबंधन का विशेषीकृत व्यवसाय है, जिनके पास व्यक्तियों और भौतिक संसाधनों को संगठित एवं निर्देशित करने का उसी प्रकार का एक कौशल होता है ।
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‘प्रशासन’ शब्द अत्यंत व्यापक दृष्टिकोण वाला शब्द है । साधारण रूप में ‘प्रशासन’ शब्द चार भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयुक्त होता है ।
प्रथम अर्थ में प्रशासन को मंत्रिमण्डल या सर्वोच्च कार्यपालिका के पर्यायवाची के रूप में माना जाता है । जैसे – मोदी प्रशासन, नेहरू प्रशासन, डोनल ट्रैम्प प्रशासन आदि ।
द्वितीय अर्थ में प्रशासन को ज्ञान की एक शाखा माना जाता है । जैसे – लोक प्रशासन अन्य विषयों की भाँति सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है ।
तीसरे अर्थ में इसका प्रयोग सार्वजनिक या लोकनीति अथवा लोक नीतियों को क्रियान्वित करने वाली क्रिया अथवा किसी सेवा या सामग्री का उत्पादन करने वाली क्रिया के रूप में किया जाता है । जैसे – भारतीय प्रशासन, भारतीय रेलवे प्रशासन, शिक्षा प्रशासन आदि । और
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चतुर्थ अर्थ में प्रशासन का प्रयोग प्रबंध के गुण अथवा प्रबंध की क्षमता के रूप में भी होता है । जैसे – यह कहना कि उक्त व्यक्ति आश्रम में समक्ष प्रशासन के गुण विद्यमान है अथवा नहीं है ।
इन चारों अर्थों में आपसी भिन्नता के कारण प्रशासन की एक सर्वमान्य परिभाषा करना कठिन है । वास्तव में ‘प्रशासन’ एक निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनुष्य द्वारा आपसी सहयोग के द्वारा की जाने वाली किसी सामूहिक क्रिया का नाम है ।
ई. एन. ग्लैडन के शब्दों में, “प्रशासन एक लंबा तथा अलंकारयुक्त शब्द है, किंतु इसका अर्थ सीधा-सादा है, क्योंकि इसका अर्थ लोगों की ‘देखभाल करना’ तथा ‘परम्परिक संबंधों की व्यवस्था करना’ है ।”
प्रशासन का शाब्दिक अर्थ – उत्कृष्ट, श्रेष्ठ, विशिष्ट या पूर्ण रूप से शासन करना ।
प्रशासन का सामान्य डिक्शनरी अर्थ – कार्यों का प्रबंध या व्यक्तियों की देखभाल ।
ब्रिटेनिका डिक्शनरी के अनुसार, कार्यों का प्रबंध या कार्यों को पूर्ण करने की क्रिया ।
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प्रशासन एक व्यापक दृष्टिकोण वाला शब्द है, जो अलग-अलग अर्थों में उपयोग किया जाता है ; जैसे –
1 1. कार्यपालिका के पर्यायवाची के रूप में ।
2. ज्ञान की एक शाखा के रूप में ।
3. सर्वजनिक अथवा लोकनीति को क्रियान्वित कराने वाली क्रिया के रूप में ।
4. प्रबंध की क्षमता के रूप में ।
प्रशासन की परिभाषाएँ
Administration Definitions
प्रशासन की परिभाषाएँ विभिन्न विद्वानों ने अनेक प्रकार से दी है ;
ड्वाईट वाल्डो के अनुसार, “प्रशासन सहकारी मानव प्रयास का एक प्रकार है, जिसमें तार्किकता की एक उच्च मात्रा मौजूद होती है ।”
एल. डी. ह्वाइट के अनुसार, “प्रशासन उद्देश्य प्राप्ति के लिए बहुत से व्यक्तियों (के संबंध में) के निर्देशन, नियंत्रण और समन्वयीकरण की कला है ।”
हर्बर्ट साइमन के अनुसार, “व्यापक अर्थ में जो समूह सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सहयोग करते हैं उनके कार्यों को प्रशासन की संज्ञा दे सकते हैं ।”
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मार्शल ई. डीमॉक के शब्दों में, “प्रशासन का संबंध सरकार के ‘क्या’ और ‘कैसे’ से है । ‘क्या’ का अर्थ विषय-वस्तु है, अर्थात् किसी क्षेत्र का तकनीकी ज्ञान जिससे एक प्रशासन अपने कार्यों को पूरा कराने में सक्षम हो पाता है । ‘कैसे’ का अर्थ प्रबंध की तकनीक या पद्धति से है, अर्थात् वह सिद्धार्थ जिसके द्वारा किसी संचालित कार्य या योजना को सफल बनाने बनाया जा सकता है । दोनों ही अनिवार्य हैं और दोनों का समन्वय ही प्रशासन कहलाता है ।”
उपर्युक्त परिभाषाओं से यह विदित होता है कि प्रशासन के संबंध में विचारकों का मत एकीकृत तथा प्रबंधकीय दोनों में विभाजित है । इस विवादपूर्ण प्रश्न पर एकपक्षीय निर्णय लेना कठिन है । अच्छा मार्ग यह हो सकता है कि प्रशासन को परिभाषित करते समय उसके दोनों विचारों को अलग-अलग देखने की आवश्यकता है । इस संबंध में प्रो. एम. पी. शर्मा ने निष्कर्ष निकाला है कि “प्रशासन में वे सभी कार्य आ जाते हैं जिन्हें किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है, परंतु कौशल एवं कला के रूप में उसके भीतर केवल प्रबंधकारी कार्यो में कुशलता का ही समावेश होता है । ये प्रबंधकारी कार्य कार्य सब प्रकार के विवेकपूर्ण सामूहिक प्रयत्नों में एकसमान होते हैं । क्रियाओं के मिश्रण के रूप में प्रशासन अनंत स्वरूप ग्रहण कर लेता है और प्रत्येक विषय-क्षेत्र में पृथक रूप ले लेता है, परंतु जब हम उस का कौशल काल के रूप में अध्ययन करते हैं तो सुबह सब एक जैसा ही होता है ।”
प्रशासन की विशेषताएँ
Features of Administration
उपरोक्त अर्थ और परिभाषाओं के परिप्रेक्ष्य में प्रशासन की निम्नलिखित विशेषताएँ प्रकट होती हैं ;
1. एक सर्वव्यापी प्रक्रिया अर्थात – यह सभी स्थानों पर घटित है ।2. एक सामूहिक गतिविधि अर्थात एकल व्यक्ति के कार्य प्रशासन नहीं है, लेकिन समूह में प्रत्येक व्यक्ति के कार्य प्रशासन है ।3. निश्चित लक्ष्य ।4. एक अधिकार-युक्त प्रक्रिया है अर्थात पद के पास अधिकार होते हैं, जिससे वह कार्य-दायित्व पूरे कर पाता है ।5. एक संगठनिक के गतिविधि है । संगठन प्रशासन का मूर्त रूप है । संगठन की उपस्थिति ही अनिवार्यता ही प्रशासन को औपचारिक प्रक्रिया बनाती है और इसलिए परिवार जैसी अनौपचारिक संस्थानों में प्रशासन की उपयोगिता सीमित होती है ।6. प्रशासन का सामूहिक उद्देश्य कार्यरत कार्मिक के व्यक्तिगत उद्देश्य से भिन्न होता है । कार्मिक का व्यक्तिगत उद्देश्य वेतन प्राप्ति है ।7. सहयोगात्मक प्रयास है अर्थात कार्मिक के मध्य परस्पर और सहयोग अनिवार्य हैं ।8. इसके संस्थागत आधार पर दो स्वरूप है, सरकारी या लोक प्रशासन और वैयक्तिक या निजी प्रशासन ।9. यह एक अनेकार्थी शब्द है ।10. एक क्रिया के रूप में प्राचीन काल से अस्तित्व में है ।11. इसमें लगे प्रत्येक कार्मिक के कार्यों का योग है ।12. यह प्रबंध से व्यापक है ।
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