विकास प्रशासन की परिभाषा

विकास प्रशासन की परिभाषा

विकास प्रशासन की परिभाषा:- विकास प्रशासन का अर्थ प्रशासन की उस शाखा से है जो किसी देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास को गति देने के लिए योजनाओं और नीतियों का निर्माण और क्रियान्वयन करती है। विकास प्रशासन का उद्देश्य केवल प्रशासन को कुशल बनाना ही नहीं होता, बल्कि उस समाज को बेहतर और समृद्ध बनाना होता है जिसमें वह कार्य कर रहा हो। यह प्रशासन की एक आधुनिक अवधारणा है जो विकास के व्यापक उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में कार्य करती है।

विकास प्रशासन की परिभाषा

विकास प्रशासन का मुख्य उद्देश्य योजनाओं और नीतियों को इस प्रकार लागू करना है जिससे समाज के सभी वर्गों का समग्र विकास हो। यह केवल भौतिक विकास या बुनियादी ढांचे के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के साथ ही समता, न्याय, और जनसरोकार जैसे मूल्यों को भी शामिल करता है। प्रसिद्ध विद्वान एडवर्ड वीटर ने इसे “विकास उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों और प्रक्रियाओं का संगठन” कहा है।

विकास प्रशासन के उद्देश्य

  1. आर्थिक विकास: विकास प्रशासन का प्रमुख उद्देश्य किसी देश के आर्थिक संसाधनों का विकास करना है ताकि देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सके। यह कृषि, उद्योग, सेवाएँ, व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि को बढ़ावा देता है।
  2. सामाजिक समता: समाज के सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करना भी विकास प्रशासन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इसमें गरीबी उन्मूलन, शिक्षा का प्रसार, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, महिला सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक वर्गों का उत्थान शामिल है।
  3. लोक कल्याण: विकास प्रशासन का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों का समग्र कल्याण करना है। इसमें सरकारी नीतियों का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना और उसकी समस्याओं का समाधान करना शामिल है।
  4. सतत विकास: संसाधनों का इस प्रकार उपयोग करना कि वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए आने वाली पीढ़ी की जरूरतों पर भी ध्यान दिया जा सके। इसमें पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा का उचित उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित वितरण शामिल है।
  5. जन भागीदारी: विकास प्रशासन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य नागरिकों की योजनाओं और नीतियों में भागीदारी को बढ़ावा देना है ताकि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझ सकें और समाज के विकास में योगदान दे सकें।

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विकास प्रशासन की विशेषताएँ

विकास प्रशासन पारंपरिक प्रशासन से अलग है और इसमें निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:

  1. लक्ष्य-उन्मुखता: यह एक विशेष उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कार्य करता है, जैसे गरीबी हटाना, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना, या शिक्षा को बढ़ावा देना।
  2. लचीलापन: विकास प्रशासन पारंपरिक प्रशासन की तुलना में अधिक लचीला होता है। यह आवश्यकता के अनुसार नीतियों और कार्यक्रमों में बदलाव कर सकता है।
  3. प्रयोगात्मक दृष्टिकोण: विकास प्रशासन नए-नए प्रयोगों और नवाचारों को प्रोत्साहित करता है, ताकि योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
  4. जनसरोकार: यह प्रशासन का वह रूप है जो समाज के सभी वर्गों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखता है।
  5. द्रुतगामीता: विकास प्रशासन का एक अन्य महत्वपूर्ण गुण इसकी द्रुतगामीता है। यह योजनाओं और नीतियों को तेजी से लागू करने की कोशिश करता है ताकि समय पर विकास कार्यों का लाभ समाज को मिल सके।

विकास प्रशासन के तत्व

विकास प्रशासन के कुछ महत्वपूर्ण तत्व निम्नलिखित हैं:

  1. नीति निर्माण और क्रियान्वयन: विकास प्रशासन के अंतर्गत बनाई गई नीतियों का क्रियान्वयन इस प्रकार किया जाता है कि वे समाज के विकास में सहायक हों। इसमें विकास योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन भी शामिल है।
  2. संवेदनशीलता: विकास प्रशासन को समाज की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए ताकि उसकी योजनाओं का प्रभाव समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।
  3. कार्यकुशलता: विकास प्रशासन में कार्यकुशलता का होना आवश्यक है ताकि कम संसाधनों में अधिक से अधिक विकास कार्य किए जा सकें।
  4. संसाधनों का उचित वितरण: विकास प्रशासन में यह सुनिश्चित किया जाता है कि संसाधनों का वितरण इस प्रकार किया जाए जिससे समाज के हर व्यक्ति को लाभ प्राप्त हो सके।
  5. समन्वय और सहयोग: विकास प्रशासन के सफल कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विभागों, संस्थानों और नागरिक संगठनों के बीच समन्वय और सहयोग की आवश्यकता होती है।
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विकास प्रशासन की चुनौतियाँ

हालाँकि विकास प्रशासन के माध्यम से समाज का विकास किया जा सकता है, लेकिन इसके रास्ते में कई चुनौतियाँ भी आती हैं:

  1. भ्रष्टाचार: सरकारी योजनाओं और नीतियों के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है जो विकास प्रशासन की सफलता में बाधा डालता है। भ्रष्टाचार से संसाधनों का दुरुपयोग होता है और योजनाओं का लाभ समाज के निचले तबकों तक नहीं पहुँच पाता।
  2. ब्यूरोक्रेटिक बाधाएँ: विकास प्रशासन में अत्यधिक लालफीताशाही भी एक प्रमुख चुनौती है। इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन नहीं हो पाता।
  3. जन जागरूकता का अभाव: यदि नागरिकों को सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में जानकारी नहीं है, तो वे उनके लाभों का उपयोग नहीं कर सकते। जागरूकता का अभाव समाज के विकास में रुकावट पैदा करता है।
  4. राजनीतिक हस्तक्षेप: विकास प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप भी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। कई बार विकास कार्यों का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता है, जिससे उनके असल उद्देश्यों को नुकसान पहुँचता है।
  5. आर्थिक संसाधनों की कमी: विकास कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता होती है। कई विकासशील देशों में आर्थिक संसाधनों की कमी होती है, जिससे योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कठिन हो जाता है।

निष्कर्ष

विकास प्रशासन एक समावेशी और समाज-उन्मुख प्रशासनिक प्रक्रिया है जो समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास के लिए कार्य करती है। इसके माध्यम से एक देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। हालाँकि, विकास प्रशासन में कई चुनौतियाँ भी आती हैं, जैसे कि भ्रष्टाचार, लालफीताशाही, और राजनीतिक हस्तक्षेप। इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशासन को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और संवेदनशील बनाना आवश्यक है।

विकास प्रशासन के अंतर्गत जब समाज के हर व्यक्ति को विकास का हिस्सा बनाया जाता है, तभी वास्तविक विकास संभव हो पाता है।