सकरात्त्मक सोच हमारी जीवन को बदल देती है । Positive thinking transforms our life.

सकरात्त्मक सोच हमारी जीवन को बदल देती है ।

Positive thinking transforms our life.

सकरात्त्मक सोच हमारी जीवन को बदल देती है । Positive thinking transforms our life :- सकारात्मक सोच हमारी नैतिक साहस को बढ़ाती है यदि हमारी सोच सकरात्मक होगी तो हम अपने हर काम को बड़ी सफलता सी से कर पाएगे । हमें जीवन अन्धकार से प्रकाश कि और जाना होगा और  नए आयाम देने होंगे । हर कार्य को करने के लिए अपना नजरिया बदलना होगा । जिस तरह से हम अपने घरों में अंधेरों से लड़ने के लिए प्रकाश का प्रयोग करते है उसी तरह से हमे अपने अंतरात्मा को भी प्रकाशमय करना होगा । इसके साथ ही फैसला लेने के लिए अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी होगी जो जीवन को सफल बनाने के लिए अति आवश्यक है ।

दुख आपकी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है

किसी भी कार्य को करने के लिए अपनी स्थिति का सही विश्लेषण करके उसके संदर्भ में सही पृष्ठभूमि बनाने होंगे । हम जो भी महत्वपूर्ण कार्य के निर्णय करने जा रहे हैं यदि उनमें संदर्भ में हमें पृष्ठभूमि की सही जानकारी नहीं हो तो हमारे कार्य करने के लिए गलत हो सकती है । गांधीजी ने अपनी बात को कहने से पहले उसे तर्क की कसौटी पर कसकर अपने अनुभव के आधार पर पोस्ट किया । उसके बाद अपनी सही पृष्ठभूमि में प्रस्तुत को किया । उन्होंने अंग्रेज सरकार की आलोचना करते हुए भी उन पर सीधा प्रहार करने के स्थान पर पहले अपनी बात के समर्थन में सही पृष्ठभूमि निर्मित की और फिर उसे आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया ।

मानव मस्तिष्क में सकारात्मक सोच

एक सफल जीवन का निर्वाह करने के लिए आवश्यक है कि हम अपने भीतर ऐसे गुणों का विकास करें जिन्हें जिनके द्वारा सभी को एक साथ लेकर चलने की कला में दक्षता प्राप्त कर सकें । इसके लिए सबसे पहले हमें स्वयं को तैयार करना होगा । जब तक हम दूसरों का सम्मान नहीं करेंगे तब तक दूसरे भी हमारे प्रति आदर का भाव नहीं रखेंगे इसका तात्पर्य यह है की हमे एक दुसरे के साथ प्यार और स्नेह के भावना रखनी होगी जिसके कारण हम दुसरे से वही उमीद रखे जो हम चाहते है ।

प्रत्याहार का महत्व

मानवीय गुणों के विकास के बिना आप अपने आप को समाज में प्रतिष्ठापति नहीं कर सकते । समाज में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसके विरोधी ना हो महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि हम अपने कार्यों के द्वारा समर्थक आदि बने रहें या विरोधी जिंदगी जिए । ऐसा करके अपने जीवन को हम नकारात्मक की ओर जाते नजर आएगे । यदि हम अपने जीवन में छोटी – छोटी गलती को एक एक करके सुधार ले तो हम अपने जीवन को शै दिशा दे सकते है । स्वतंत्र पहचान के साथ जीना की इच्छा रखे ताकि लोग आपने भीड़ में भी पहचान सके । जब तक जिंदगी है जिंदगी के साथ जीना जरूरी है । बिना उत्साह के जिंदगी मौत से पहले मर जाने के समान है । उत्साह और इच्छा व्यक्ति के साधारण से असाधारण की तरफ ले जाती है जिस तरह से पानी उबलते समय एक डग्री भी बढ़ जाती है तो पानी उबल जाता है और बड़े-बड़े इंजन को खिंच लेता है । उसी तरह हमारी जिंदगी की के लिए उत्साह काम करता है और इसी उत्साह से हमे अपनी बड़ी से बड़ी इच्छा को प्राप्त कर लेते है 

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