अपने जीवन में संयम रखे
Have sobriety in your life
अपने जीवन में संयम रखे Have sobriety in your life :- अपने तन-मन धन को स्वस्थ सुरक्षित एवं जीवन से प्यार रखना ही संयम है । जो व्यक्ति संयम को धारण नहीं करता वह मृत के समान है । संयम आत्म अध्ययन को वह खुराक है जिसे पाने के बाद मनुष्य का जीवन रोगहीन हो जाता है । जीवन में गौरव गरिमा की वृद्धि के लिए संयम का पालन करना जन-जन के लिए आवश्यक ही नहीं अति अनिवार्य भी है । संयम से ही जीवन में ख़ुशी प्राप्त होती है और जीवन आनंदमय हो जाता है । अगर मनुष्य संयम को धारण नहीं करता तो वह जीवन के हर मोड़ पर दुखो का सामना करता हुआ नजर आता है । यदि मानव में संयम स्थिर हो जाए तो वह आलसी भी हो जाता है ।
पहचानें अपनी सीमा
एक राजा ने प्रजा के हित के लिए गांव में चिकित्सालय की अच्छी व्यवस्था है कि समय-समय पर चिकित्सालय में भी निरीक्षण के लिए जाया करते थे लेकिन वे किसी भी व्यक्ति को चिकित्सालय में रोगी के रूप में चिकित्सा पर आते नहीं देखते थे । इस रहस्य का पता लगाया तो पता चला कि सभी व्यक्ति संयम पूर्वक जीवन यहां जीते हैं । इसलिए व्यक्ति रोग ग्रस्त नहीं होते हैं । यदि मनुष्य अपने आप पर विश्वास करे और संयम रखे तो वह हर रोग तो ठीक कर सकता है । हमारे चंचल मन को भटकने के आदत है विचारो को एक जगह से दुसरे जगह पर ले जाता है कभी अच्छा तो कभी बुरा पर हमें अपने आप से संयम रखना जरुरी है ।
कर्तव्य और अधिकार
संयम करने से शरीर में बल बुद्धि की वृद्धि होती है । मन प्रसन्न होता है मन को अंदुरनी ताकत मिलती है जिसके कारण हमारी सोच सकारात्मक होती है । आज के व्यक्ति अस्त-व्यस्त जीवन जीते है उन्हें किसी भी प्रकार की इस फालतू बातों का कोई असर नहीं होता है । उन्हें चाहिए कि अपने जीवन को जरा शांत कर किसी बात पर विचार कर अपने मन को सही दिशा प्रदान करे जिस से उनके जीवन में खुशहाली आ सके । हमारे शारीर के इन्द्रियों में इतनी ताकत है की अपने छोटे – छोटे रोग को आसानी से ठीक कर सकती है, पर न जाने व्यक्ति दवाइयों के पीछे इतना क्यों भागता है । यदि कोई व्यक्ति संयम नहीं रखता तो वह हर पल परेशानियों से घिरा रहता है अरु ईश्वर से दया के भीख मागता है ।
रिश्तों में जान
हर योग पुरुष का कहना है कि जीवन में जो मिला उसे प्रसाद समझ कर रख लो और नहीं मिला तो उसे पाने की कोशिश करो जिससे तुम्हारी मन को शांति मिल सके, पर संयम को नहीं छड़ो यदि तुम संयम से कोई कार्य नहीं करते जीवन नरक के सामान्य होता चला जाएगा और तुम कुछ नहीं कर पवओगे ।
संयम चार तरह के हैं । अन्न का संयम, विचार का संयम, इंद्रियों का संयम एवं अर्थ का संयम । संयम आन्तरिक शक्ति के द्वारा ही संभव हो पाती है । समय रहते जो संयमित जीवन जीने को राजी होते हैं वही स्वस्था प्रशंसा प्राप्त करते हैं । जिस तरह से छिद्र युक्त घड़ा में पानी एकत्रित होना असंभव है । उसी प्रकार असंयमित के शरीर से शक्ति बाहर हो जाती है और वह निश्चित रोगी बना रहता है । स्वास्थ्य की सुरक्षा स्वयं के कारण गवां बैठता है और अपने जीवन की कब्र स्वयं खोलता है संयम जीवन में सुख समृद्धि शांति सुरक्षा तथा कल्याण प्रदान करता है निरोगी काया का सपना संयम द्वारा ही संभव हो पाता है ।
Very good info thanks so much! I love sucking dick btw hmu
Monitor Closely 1 erythromycin lactobionate will increase the level or effect of mitoxantrone by P glycoprotein MDR1 efflux transporter nolvadex side effects male Languages dosis para la ivermectina en perros In this day and age that we have the GPS and the surveillance camera system, I think something should be changed and could be changed, he said, adding that overall emergency response at the crash worked beautifully
A lot of women with breast cancer experience sexual side effects because one of the mainstays of treatment is anti estrogen, she explains cialis cheapest online prices
Buzdar A, Nabholtz JM, Robertson JF, et al Anastrozole Arimidex versus tamoxifen as first line therapy for advanced breast cancer inpostmenopausal women Combined analysis from two identically designedmulticenter trials que es la kamagra